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कनाडा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक आश्चर्यजनक खोज की है। उन्हें ओंटारियो की किड क्रीक खदान में पृथ्वी का सबसे पुराना पानी मिला है। यह पानी 2 अरब साल से भी ज़्यादा पुराना बताया जा रहा है। उन्होंने 2 अरब साल से भी ज़्यादा पुराने इस पानी का स्वाद चखा है।
यह पानी कहाँ और कितनी गहराई पर मिला था?
यह प्राचीन पानी खदान में लगभग 3 किलोमीटर गहराई पर मिला था। यह पानी दुनिया में अब तक मिले किसी भी पुराने पानी से कहीं ज़्यादा पुराना है। प्रोफ़ेसर बारबरा शेरवुड लॉलर और उनकी टीम ने इस पानी की उम्र का पता लगाने के लिए आइसोटोपिक विश्लेषण नामक एक वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल किया।
हैरानी की बात यह है कि यह पानी इतने सालों तक ज़मीन में रहा था कि इस पर बाहरी वातावरण का कोई असर नहीं पड़ा। इस शोध की जानकारी प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुई है।
इस खोज का वैज्ञानिक अर्थ क्या है?
इस पानी से पृथ्वी के शुरुआती दिनों के बारे में नई जानकारी मिलने की संभावना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भले ही सूर्य का प्रकाश पानी तक नहीं पहुँचा था, फिर भी सूक्ष्मजीवों के जीवित रहने की संभावना है। इस पानी में नमक की मात्रा बहुत ज़्यादा थी। इसलिए, पानी बेहद खारा और कड़वा था। प्रोफ़ेसर बारबरा ने खुद इस पानी को चखा और हमें इसके बारे में बताया। नमक की उच्च मात्रा हमें उस समय के वातावरण की एक झलक देती है।
इससे कौन से रहस्य उजागर होंगे?
कनाडा में हुई यह खोज हमें पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई, सूक्ष्मजीव कितने समय तक जीवित रह सकते हैं और अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना के बारे में नई बातें समझने में मदद करेगी।
यह खोज हमें याद दिलाती है कि हमारी पृथ्वी आज भी कितनी रहस्यमयी और रहस्यमयी है। कई रहस्य अभी भी ज़मीन के नीचे छिपे हैं और उजागर होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
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